ओट्टावा: कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार बाहर से आने वाले अस्थायी निवासियों की संख्या को कम करने के लिए आए दिन नियमों में बदलाव कर रही है। अब कनाडा अप्रवासियों की संख्या को रोकने के लिए वर्क परमिट प्रोग्राम में बदलाव करने की घोषणा की है। यह बदलाव 1 नवम्बर 2024 से प्रभावी होंगे। इन्हें पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट प्रोग्राम (PGWP) के लिए लागू किया गया है। भारत से विदेश जाने वालों के लिए कनाडा पसंदीदा जगह होने के चलते इन बदलावों का भारतीयों पर बड़ा असर पड़ेगा।हाल के वर्षों में कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अस्थायी विदेशी श्रमिकों समेत अस्थायी निवासियों की संख्या में उछाल आया है। अप्रवासियों की संख्या को लेकर कनाडाई समुदाय में विरोध बढ़ रहा है। इसे लेकर कनाडा सरकार इन बदलावों को संबोधित करने के लिए नए नियम लागू कर रही है, ताकि इमिग्रेशन की मात्रा को नियंत्रित किया जा सके।
पूरी करनी होंगी ये शर्तें
कनाडा में जाने वाले विदेशियों को पीजीडब्ल्यूपी में पात्र होने के लिए जनरल एंड फिजिकल लोकेशन पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। इसमें ध्यान देने की बात है कि 1 नवम्बर 2024 से पहले आवेदन करने वालों को भी छूट नहीं होगी, अगर वे 1 नवम्बर के बाद के प्रोग्राम के लिए आवेदन कर रहे हैं। इन आवेदकों को नई आवश्यकताओं को भी पूरा करना होगा।कनाडा जाने वालों के लिए भाषा की दक्षता के नियम अब और कड़े होंगे। 1 नवम्बर 2024 या उसके बाद सभी आवेदकों को फ्रेंच या अंग्रेजी में दक्षता साबित करनी होगी। पीजीडब्ल्यूपी प्रोग्राम में जाने वालों को कनाडाई भाषा बेंचमार्क (CLB) स्तर 7 तक प्राप्त करना होगा। अगर आप ग्रेजुएट हैं तो आपको सीएलबी स्तर 5 तक हासिल करना होगा।
चुनावों के पहले ट्रूडो सरकार कर रही बदलाव
कनाडा में एक साल से भी कम समय में चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता लगातार गिर रही है। देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। घरों की कीमतें आसमान छू रही हैं और बड़े स्तर पर आवासीय संकट खड़ा हो गया है। ट्रूडो सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा देश में अप्रवासियों पर फोड़कर खुद को बचाना चाहती है। यही वजह है कि ट्रूडो की लिबरल सरकार अप्रवासियों पर नियम कड़े करके जनता के बीच अपनी छवि सुधारना चाहती है।