कनाडा सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की प्लानिंग की जानकारी थी। कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल भी इस बारे में जानते थे। ट्रूडो सरकार की तरफ से शुक्रवार को बयान जारी करके साफ किया गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और NSA का लिंक है। कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इंटेलिजेंस एडवाइजर की तरफ से जारी बयान में कहा गया, '14 अक्टूबर को नागरिकों की सुरक्षा को खतरे की वजह से अफसरों ने कनाडा में जारी आपराधिक गतिविधियों के पीछे भारत सरकार के एजेंटों का हाथ होने की बात कही थी।'
G20 समिट में मिले PM मोदी और ट्रूडो
इससे पहले ब्राजील में G20 समिट के दौरान PM मोदी और कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो की साथ में तस्वीर आई थी, जिसके बाद माना जा रहा था कि इससे दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने की शुरुआत हो सकती है।
हालांकि इस मुलाकात के अगले दिन ही ट्रूडो सरकार ने भारत आने वाले यात्रियों की सुरक्षा जांच को बढ़ा दिया। इस वजह से यात्रियों को एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ रहा है। कनाडाई न्यूज एजेंसी CBC के मुताबिक अधिकारियों ने सुरक्षा जांच बढ़ाने की वजह नहीं बताई।
गुरुद्वारे से निकलते हुए निज्जर की हत्या हुई थी
18 जून 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था।
इसके बाद दोनों देशों के आपसी रिश्तों में काफी तल्खी आ गई थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने आरोप लगाया था कि कनाडा उन लोगों को वीजा देता है, जो भारत में वांटेड हैं। उन्होंने कहा था, 'पंजाब में संगठित अपराधों से जुड़े लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है।'
वहीं, कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी थी। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया था।