भोपाल । कोरोना आपदा ने शासन को आबकारी आय पर ब्रेक लगा दिया है। कोरोना आपदा से पूर्व आबकारी विभाग की आय में प्रति वर्ष लगभग 1250 करोड़ की वृद्धि हो रही थी जो कोरोना के कारण पिछले दो साल से घटती जा रही है। नतीजा, आमदनी के आंकड़े करीब-करीब दो साल पुरानी स्थिति में पहुंच गए हैं।
वर्ष 2019-20 में विभाग को 10773.29 करोड़ रुपए की आय हुई थी। वहीं 2020-21 में 9520.96 करोड़ रुपए हुई। इसमें 1252.31 करोड़ रुपए की कमी आई। अब 2021-22 में आमदनी का आंकड़ा 10 हजार करोड़ रुपए तक रहने की संभावना है, जबकि सामान्य स्थिति में यह राशि 13 हजार करोड़ तक पहुंच सकती थी। इस स्थिति के चलते विभागीय अधिकारी अब आय बढ़ाने की चिंता में है।
उप दुकान खोलने की चर्चा, पर नहीं हुआ अमल
मुरैना सहित प्रदेश के कुछ जिलों में अवैध व जहरीली शराब से मौतों के बाद एसआईटी की रिपोर्ट को आधार बनाकर उप दुकानों को खोलने की चर्चा हुई थी लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। इसके पीछे भी कारण, राजनीतिक विरोध बताया गया।
राजनीतिक विरोध के चलते दस वर्ष से नहीं खुली नई शराब दुकानें
प्रदेश में अंतिम बार शराब की नई दुकानें 2011 में खोली गई थीं। 10 वर्ष से दुकानों की संख्या में भी वृद्धि नहीं की गई है। देश के अन्य राज्यों की तुलना में भी मध्य प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या कम है। पिछले चार वर्ष से विभाग व शासन शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, इसके लिए प्रस्ताव भी बने लेकिन राजनीतिक विरोध के चलते नई दुकानें नहीं खोली गईं। अवैध शराब का कारोबार बढऩे के पीछे भी यही वजह मानी जा रही है।