मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन खुली किताब की तरह है। उनके भाषण, विचार और शब्द रचना ध्येय वाक्य की तरह प्रभावशील हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उनकी कालजयी कविता आओं फिर दिया जलाएं की पंक्तियों "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता है-टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता है" का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी कई रचनाएं लम्बे समय तक लोगों के लिए प्रेरणास्पद रहेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की पुण्य-तिथि पर उन्हें नमन किया। डॉ. यादव ने अरेरा हिल्स स्थित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद संबोधित कर उक्त विचार व्यक्त किए।
संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को किया स्थापित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में अपनी जीवन यात्रा आरंभ की और 5 प्रधानमंत्रियों के सामने विपक्ष के नेता के रूप में अपने दायित्व का प्रभावी रूप से निर्वहन किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में भी हिंदी को स्थापित करके दिखाया और यह भी बताया कि मातृ भाषा से प्रेम किसे कहते हैं। इसी का प्रभाव था कि उन्हें विपक्षी दल का नेता होने के बावजूद भी भारत सरकार का प्रतिनिधि बनाकर संयुक्त राष्ट्र संघ भेजा गया।
देश के सामर्थ्य से दुनिया को अवगत कराया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विदेश नीति के संबंध में स्व. वाजपेयी का स्पष्ट मानना था कि हम सब कुछ बदल सकते हैं, लेकिन अपने पड़ौसी नहीं बदल सकते। इस विचार के साथ ही उन्होंने देश के पड़ोसियों और दुनिया को देश के सामर्थ्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वे सभी सौभाग्यशाली हैं जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी के भाषणों को सुनने तथा उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके विचार देश और दुनिया को सदैव मार्गदर्शन प्रदान करते रहेंगे। इस अवसर पर खेल एवं युवक कल्याण तथा सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्री भगवानदास सबनानी सहित श्री हितानंद शर्मा और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।