यह है मामला
जहांगीराबाद थाना पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इलाके में चर्च के पास रहने बाले शैलेंद्र धाकड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें उन्होंने बताया कि घर के पास ही वह एमपी ऑनलाइन कियोस्क संचालित करते हैं। 16 अगस्त की दोपहर लगभग 12 बजे पुलिस की वर्दी में एक शख्स उनके कियोस्क में आया। उसने अपना नाम अलीम खान बताया। वर्दी पर लगी नेम प्लेट पर उसका यही नाम और साथ में 1561 नंबर भी लिखा था। उसने अपनी एक जरूरत बताते हुए खाते में पांच हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए कहा और बोला कि इसके बदले में वह नकद भुगतान कर देगा।
उसने अपने मोबाइल पर क्यूआर कोड दिखाया, जिसे स्कैन कर शैलेंद्र ने दो किस्तों में रकम ट्रांसफर कर दी। फिर उसने कुछ देर में पैसा देने की बात बोलकर आठ पासपोर्ट साइज की तस्वीरें भी बनवा लीं। वह दुकान पर करीब तीन-चार घंटे बैठकर मोबाइल पर इधर-उधर की चर्चा करता रहा। इसी बीच नजर बचाकर वह भाग निकला। तब शैलेंद्र को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
दो दिन बाद पकड़ में आया
पुलिस ने फोटो के आधार पर आरोपित अलीम खान की सर्चिंग शुरू की। 18 अगस्त को वह जिंसी चौराहे के पास पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ करने पर उसने नेहरू नगर पुलिस लाइन में पदस्थ होना बताया। उसके बारे में पड़ताल की गई तो अलीम खान नाम का कोई पुलिसकर्मी वहां तैनात होना नहीं पाया गया।
इसके बाद उसको थाने लाकर सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने अपना नाम अलीम खान पिता सलामत खान उम्र 26 साल बताया। वह मूलतः रायसेन जिले के देवरी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम आलीवाड़ा का रहने वाला है। यहां ऐशबाग थाना क्षेत्र में सोनिया गांधी कॉलोनी में किराए से रहता है। पुलिस ने उसके घर जाकर भी छानबीन की है। उसके पास से पुलिस की वर्दी और नकली परिचय पत्र भी बरामद किया गया।