तेल अवीव: ईरान की ओर से 1 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया गया था। इजरायल की ओर से एक जबरदस्त पलटवार की उम्मीद की जा रही है। वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत की। उन्होंने अमेरिका को सूचित किया है कि इजरायल पूरे क्षेत्र में युद्ध नहीं शुरू करना चाहता। इसलिए वह ईरान की तेल या न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला करने की जगह इजरायली सैन्य ठिकानों पर हमला करने को तैयार है।दरअसल अमेरिका कहता रहा है कि ईरान की तेल या न्यूक्लियर फैसिलिटी को इजरायल निशाना न बनाए। क्योंकि यह पूरे खाड़ी में युद्ध भड़का सकता है। ईरान भी तेल फैसिलिटी पर हमले के जवाब में अमेरिकी सहयोगियों पर हमले की धमकी देता रहा है। इजरायल का यह कहना कि वह मिलिट्री फैसिलिटी को टार्गेट करेगा, यह अमेरिका के लिए राहत वाली खबर है।
इजरायली अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि उनका पलटवार ईरान की ओर से किए गए हमले से काफी बड़ा होगा। ईरान ने इजरायल पर 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। इजरायली सूत्रों ने कहा कि उनका फोकस ईरान के खिलाफ जवाबी हमले की तैयारी है। इसमें किसी भी तरह की हिचकिचाहट या देरी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक हमले के समय और दायरे पर निर्णय लेने के लिए नेतन्याहू अपने रक्षा मंत्री और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।
अमेरिका तैनात कर रहा THAAD
रविवार को उन्होंने रक्षा मंत्री योव गैलेंट, आईडीएफ प्रमुख हर्जी हलेवी और वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों के साथ इंटेलिजेंस बेस में मुलाकात की। यह मुलाकात पहले से तय नहीं थी और सोमवार को भी चली। इजरायल की किसी भी कार्रवाई से पहले अमेरिका ने घोषणा की है कि वह अपना THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम अमेरिकी सैनिकों के साथ क्षेत्र में तैनात कर रहा है। अमेरिकी सैनिक इसे संचालित करेंगे, ताकि ईरान की ओर से किसी भी नए हमले में एक मजबूत सुरक्षा कवच रहे।
संघर्ष विराम चाहता है ईरान
इस बात की भी आशंका है कि इजरायल के हमले का ईरान जवाब भी देगा। इसलिए अमेरिका के साथ समन्वय को लेकर चर्चा हो रही है। हालांकि ब्रिटेन में स्थित सऊदी अरब के अखबार अशरक अल-अवसात के मुताबिक ईरान ने संकेत दिया है कि अगर इजरायली हमला सीमित होता है, तो संघर्ष का यह दौर यहीं रुक जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ इजरायली अधिकारी मानते हैं कि ईरान संघर्ष विराम में रुचि रखता है।