मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 8 माह की सरकार में विदिशा और शहडोल जिले में दो-दो कलेक्टर पदस्थ हो चुके हैं। इन दोनों ही जिलों के कलेक्टर महज साढ़े चार माह का कार्यकाल पूरा कर पाए। इसके पहले गुना जिले में तीन बदले जा चुके हैं। इसके अलावा इसी अवधि में चंबल, ग्वालियर, रीवा में भी दो-दो संभागायुक्तों की पदस्थापना की गई है।
विधानसभा चुनाव के पहले जिलों में पदस्थ किए गए कलेक्टरों में से अब तक 32 कलेक्टर बदले जा चुके हैं। जो कलेक्टर बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद नहीं बदले हैं, उनमें धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, आगर मालवा, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, मुरैना, भिंड, रीवा, सतना, मऊगंज, मैहर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सीहोर, रायसेन और पांढुर्णा शामिल हैं। इस बीच प्रशासनिक हल्के में कलेक्टरों की एक और सूची जल्दी ही जारी होने के संकेत दिए जा रहे हैं जिसमें आधा दर्जन जिलों के कलेक्टर प्रभावित हो सकते हैं।
शहडोल और विदिशा में भी जल्दी कलेक्टरों को हटाया
शहडोल और विदिशा कलेक्टरों की पोस्टिंग और हटाने की कार्यवाही जल्दी हुई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले 9 मार्च को जारी आदेश में विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को हटाया गया और उनके स्थान पर उमरिया कलेक्टर बुद्धेश वैद्य को विदिशा पदस्थ किया गया।
इसी दौरान शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य को हटाकर 14 मार्च को तरुण भटनागर को शहडोल कलेक्टर बनाया गया। अब विदिशा और शहडोल दोनों ही जिलों के कलेक्टरों को 10 अगस्त की आधी रात के बाद जारी आदेश में हटा दिया गया है। दोनों ही अधिकारी साढ़े चार माह तक जिलों में कलेक्टर रहे हैं।
गुना में ऐसे चली कलेक्टरों को बदलने की प्रक्रिया
मोहन यादव सरकार की शपथ के समय गुना कलेक्टर तरुण राठी थे। 27 दिसम्बर की रात गुना जिले में बस में आग लगने पर यात्रियों के जलने के बाद कलेक्टर तरुण राठी को हटा दिया गया। इसके बाद बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को गुना की जिम्मेदारी सौंपी गई।
अमनबीर की पोस्टिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक कार्यक्रम के दौरान एसपी और कलेक्टर दोनों को सामूहिक रूप से डांट लगाई थी जिस पर बैंस ने वहां से हटने के प्रयास शुरू कर दिए और बाद में यहां सतेंद्र सिंह नए कलेक्टर 14 मार्च को जारी आदेश में बने। अमनबीर यहां ढाई माह कलेक्टर रहे।
मोहन सरकार बनने के बाद कलेक्टरों की पोस्टिंग
यहां के कमिश्नर भी बदले