बता दें कि कोलकाता में हुई घटना के बाद पूरे देशभर के डॉक्टर पीड़िता को न्याय दिलाने और सुरक्षा की मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। हालांकि प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन एम्स के रेजिडेंट डाक्टर अभी भी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और लगातार हड़ताल कर रहे हैं। इसमें एम्स प्रबंधन ने उनकी कुछ मांगों को पूरा कर दिया है।
परिसर में लगेंगे अलार्म
एम्स भोपाल परिसर में ऐसे क्षेत्रों को भी चिह्नित किया जाएगा, जो संदिग्ध क्षेत्र में आते हैं, यहां करीब 150 से अधिक अलार्म लगाए जाएंगे। यह तेज आवाज और सेंसर आधारित होगा, इसमें अगर किसी डॉक्टर पर आपराधिक गतिविधियां होती हैं तो यह अलार्म स्वत: बजने लगेगा। इस पर डॉक्टर की सुरक्षा की जा सकेगी। हालांकि अभी इसे लेकर अभी प्रबंधन ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहा है कि यह किस तरह काम करेगा। इसके अलावा परिसर के अंदर और बाहर अंधेरी जगह पर पर्याप्त रोशनी की सुविधा भी रहेगी।
महिला गार्डों की बढ़ेगी संख्या
महिला मरीज और डॉक्टर की सुरक्षा के लिए एम्स प्रबंधन महिला गार्डों की तैनाती करेगा। अभी एम्स में गिनी-चुनी महिला गार्ड हैं, इसलिए इसके लिए उनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। यह गार्ड सुरक्षा के लिहाज से भर्ती होने वाली महिला मरीजों की बारीकी से जांच करेंगी। जिसमें वह देखेंगी कि उक्त मरीज ने किसी प्रकार का हथियार जैसी चीज तो साथ में नहीं रखी है।