हिंदुओं के खिलाफ हिंसा
5 अगस्त को शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद से बांग्लादेश के कुल 72 में से 62 जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाकर 2010 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसमें हिंदू समुदाय के घरों, पूजा स्थलों और कार्य स्थलों पर तोड़फोड़ और भीड़ द्वारा हत्या तक शामिल है। बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने आगामी त्योहार के दौरान पूजा पंडालों और हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है, लेकिन यह सब दिखावा है। किसी भी आरोपी को न हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है।
बांग्लादेश में घट रहे हिंदू
बांग्लादेश में शेख हसीना के जाने के बाद अल्पसंख्यकों पर संकट खड़ा हो गया है। मौजूदा शासन हिंदुओं को अवामी लीग का समर्थक मानता है और उनके खिलाफ अत्याचारों पर आंख मूंदे हुए है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की यह कहानी नई नहीं है। 1971 में जब बांग्लादेश के गठन के समय देश में हिंदू समुदाय आबादी का 21 प्रतिशत था। अब यह मात्र 8.7 प्रतिशत रह गया है। अल्पसंख्यक कार्यकर्ता ने कहा कि लगता है कि मौजूदा शासन नहीं चाहता कि बांग्लादेश में कोई अल्पसंख्यक रह जाए।