भोपाल । राज्य सरकार के राजकीय विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में पायलट को दोषी मानते हुए 85 करोड़ की वसूली का नोटिस थमाया गया है। विमान के पायलट कैप्टन माजिद अख्तर के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। उन्हें हादसे के लिए दोषी मान गया है। पायलट द्वारा नोटिस का जवाब देने के बाद शासन उनसे वसूली के बारे में फैसला करेगा। हादसे के बाद नागर विमानन महानिदेशालय ने पायलट माजिद अख्तर का लाइसेंस अगस्त 2021 में ही निलंबित कर दिया था।राज्य सरकार ने विभागीय जांच में स्पष्ट किया है कि यह हादसा पायलट की लापरवाही से हुआ है। जिसमें 62 करोड़ का विमान क्रेश हो गया।
इस वजह से सरकार को किराए से विमान लेना पड़ा है। जिस पर अब तक करीब 23 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इस तरह सरकार को 85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने केप्टन माजिद को जारी आरोप पत्र में कहा कि क्यों न इस लापरवाही के कारण नुकसान की भरपाई आपसे की जाए। इधर विमानन विभाग के सचिव एम सेलवेंद्रन ने बताया कि केप्टन माजिद के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। इसके तहत उन पर लगे लापरवाही के आरोपों के आधार चार्जशीट जारी की गई है। जवाब आने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार 90 करोड़ रुपये का जेट प्लेन खरीदने की तैयारी कर रही है। स्टेट प्लेन के के्रश होने के बाद से अब तक राज्य सरकार ने निजी विमान के किराए पर 12 करोड़ रुपये की रकम खर्च कर दी है। इस राशि की देनदारी के लिए 17 करोड़ रुपये की बजट प्रविधान अनुपूरक बजट में किया गया है। आगामी बजट में इस राशि का प्रविधान किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि फिलहाल प्रदेश के कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही ऐसी हवाई पटटी हैं, जहां जेट प्लेन उतर सकता है।
इसलिए सरकार ने बाकी सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे हवाई पट्टी का उन्न्यन करें। पीडब्ल्यूडी द्वारा इसका रोडमैप तैयार कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार का यह विमान कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर 7 मई 2021 को लौट रहा था, तब ग्वालियर हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान हादसा हुआ था। विमान लैंडिंग के समय रनवे से करीब तीन सौ फीट पहले लगे अरेस्टर बैरियर से टकरा गया था। जिससे विमान के काकपिट के आगे का हिस्सा, प्रापलर ब्लेड क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसमें सुधार की संभावना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक राजकीय विमान का कुछ दिन पहले ही बीमा की अवधि भी खत्म हो गई थी, जिसके चलते विमान के नुकसान की भरपाई संभव नहीं है।