भोपाल । राजधानी में 18 साल से ऊपर के लोगों को कोरोनारोधी टीका की दोनों डोज लगाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है। यहां 100 फीसद लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। 18 साल से ऊपर के 19 लाख 50 हजार लोगों को टीका लगाया जाना था। इस लक्ष्य के मुकाबले 29 जनवरी की स्थिति में 22 लाख 39 हजार लोगों को पहली और 19 लाख 51 हजार लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। इस तरह भोपाल में पहली डोज भी 111 फीसद लोगों को लग चुकी है। टीकाकरण की शुरुआत में 2011 की जनगणना के आधार पर 18 साल से ऊपर के लोगों की अनुमानित संख्या 19 लाख 50 हजार निकाली गई थी। हकीकत में यह संख्या ज्यादा थी। इस कारण सौ फीसद से ज्यादा लोगों को पहली डोज लगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 31 दिसंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में दोनों डोज का लक्ष्य पूरा करने के लिए कहा था। सभी को दोनों डोज लगाने वाला इंदौर प्रदेश का पहला जिला था। जिन लोगों को अभी पहली डोज लगी है समय आने पर उन्हें दूसरी डोज लगाई जाएगी। इस तरह भोपाल में दोनों डोज लगवाने वालों का आंकड़ा 22 लाख से ऊपर पहुंचेगा। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि दूसरी डोज लगवाने के लिए कई लोग आगे नहीं आ रहे थे। इसके लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सर्वे कराया गया। जिन्होंने दूसरी डोज नहीं लगवाई थी उनके घर पर ही टीका लगाया गया।
अभी भी जा कवायद चल रही है की जिन्हें पहली डोज लग चुकी है उन्हें समय आते ही दूसरी डोज भी लगा दी जाए। उधर 15 से 18 साल तक के किशोर किशोरियों को कोरोनारोधी टीका लगाने की दूसरी डोज भोपाल में दो फरवरी से लगाई जाएगी। पहले दिन टीकाकरण के लिए 240 स्कूलों को केंद्र बनाया जाएगा। इसके अलावा अस्पतालों या टीकाकरण शिविर में जाकर भी विद्यार्थी टीका लगवा सकेंगे । इन्हें पहली डोज लगाने की शुरुआत तीन जनवरी से हुई थी। सभी को कोवैक्सीन लगी थी।
चार से छह हफ्ते में दूसरी डोज लगाई जानी है। इस लिहाज से 31 जनवरी को उन लोगों की दूसरी डोज लंबित हो गई है जिन्हें तीन जनवरी को टीका लगा था। बता दें कि 22 हजार किशोर-किशोरियों को पहले दिन टीका लगा था। जिला टीकाकरण अधिकारी डा.उपेंद्र दुबे ने बताया कि जो विद्यार्थी जिस स्कूल में पढ़ते हैं उन्हें वहीं दूसरी डोज भी लगाई जाएगी। कुछ विद्यार्थियों ने अपने स्कूल की जगह पास के किसी स्कूल में पहली डोज लगवाई थी। इस बार भी यह सुविधा रहेगी। इसके अलावा जो किशोर-किशोरी विद्यालयों में नहीं जाते वह भी स्कूल या अस्पताल कहीं भी टीका लगवा सकेंगे।