वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश को चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधनों की जरूरत है। साथ ही अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को वित्त पोषित करने की भी जरूरत है। दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा के परिवर्तन के लिए बहुत सारा पैसा देने का वादा किया है, पर वह अभी तक नहीं आया है। हालांकि भारत ने इसका इंतजार नहीं किया। भारत अपनी ताकत के दम पर जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। पेरिस समझौते में दिए गए वादे हमारे अपने पैसे से पूरे किए गए।
सीतारमण ने कहा कि समाज को आपके ज्ञान का फायदा तब मिलेगा, जब आप ज्ञान को समाज में बाटेंगे। नई तकनीक के साथ रिसर्च पर काम किया जा रहा है। वहीं डेटा विज्ञान के क्षेत्र में भी रिसर्च करने की जरूरत है। एआइ के क्षेत्र में भी स्टार्टअप तैयार किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश 5जी नेटवर्क पर काम कर रहा है। वहीं बीएसएनएल ने अभी 4जी नेटवर्क शुरू किया है। 4जी नेटवर्क ने काफी परेशान किया है। वहीं, भारत उन्नत रसायन के साथ काम रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में ज्यादा स्कोप है।
इससे पहले दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है। ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।