अर्थशास्त्र में पुरस्कार के लिए बनी समिति के अध्यक्ष जैकब स्वेन्सन ने कहा, "देशों के बीच आय में भारी अंतर को कम करना हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। पुरस्कार विजेताओं ने इसे प्राप्त करने के लिए सामाजिक संस्थानों के महत्व को प्रदर्शित किया है।"
तुर्किये मूल के अमेरिकी एसमोगलू और ब्रिटिश-अमेरिकी जॉनसन मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में अर्थशास्त्री हैं। वहीं, ब्रिटिश-अमेरिकी रॉबिंसन शिकागो विश्वविद्यालय में शोध करते हैं। इन अर्थशास्त्रियों ने शोध में बताया कि खराब कानून व्यवस्था और शोषणकारी संस्थाओं वाले समाज में विकास क्यों नहीं होता है।
शोध में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि वैश्विक असमानता क्यों बनी हुई है। खासतौर पर भ्रष्टाचार और तानाशाही से ग्रस्त देशों में यह क्यों दूर नहीं होती है। इन अर्थशास्त्रियों के शोध से देशों की असफलता या सफलता के मूल कारणों को समझने में मदद मिली है।
एसमोगलू और रॉबिंसन ने साल 2012 में एक किताब लिखी थी। 'व्हाई नेशंस फेल : द ओरिजिन ऑफ पॉवर, प्रोस्पेरिटी एंड प्रोवर्टी' नाम की इस किताब में उन्होंने समझाया था कि किस तरह से लोगों की पैदा की गईसमस्याएं देशों को गरीब बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।
इस बात को समझाने के लिए उन्होंने अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर स्थित नोगेल्स शहर को उदाहरण के साथ पेश किया था। इसमें उन्होंने बताया था कि एक ही भूगोल, जलवायु, एक ही पूर्वजों और एक ही संस्कृति को साझा करने के बावजूद सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों के जीवनस्तर में काफी अंतर है।
उत्तरी क्षेत्र में एरिजोना के नोगेल्स में लोग अपेक्षाकृत समृद्ध हैं और लंबी उम्र तक जीते हैं। अधिकांश लोगों की पढ़ाई भी स्नातक तक के स्तर की होती है। वहीं, दक्षिण में मेक्सिको के नोगेल्स, सोनोरा में ज्यादातर लोग बहुत गरीब हैं। इस क्षेत्र में संगठित अपराध होता है। इसकी वजह से वहां कंपनियों को शुरू करना और चलाना जोखिम भरा है।
हालांकि, मेक्सिको में लोकतंत्र स्थापित होने के बाद स्थितियों में सुधार आया है और पहले की तुलना में संभावनाएं बेहतर हुई हैं। मगर, अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। वहीं, अर्थशास्त्रियों ने यह भी पाया कि इन देशों के बीच अंतर यह है कि अमेरिका में संपत्ति के अधिकारों की रक्षा होने के साथ ही आम लोगों को बोलने का अधिकार भी मिला हुआ है।