भोपाल । राज्य सरकार ने गणतंत्र दिवस से प्रदेश के नगरीय निकायों में स्वच्छ प्रतिष्ठान अभियान प्रारंभ कर दिया है। सफाई को लेकर अब सरकारी-निजी प्रतिष्ठानों के बीच स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धा होगी और विजेता प्रतिष्ठानों को 'सिंबल आफ क्लीनलीनेस (स्वच्छता का प्रतीक) सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रतिष्ठानों से अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की है।
सफाई और कचरे के बेहतर प्रबंधन में लोगों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किए गए इस अभियान के तहत शहर में स्थित प्रतिष्ठान (निजी-सरकारी कार्यालय, बैंक, छोटी-बड़ी दुकानें, शोरूम, अस्पताल, दवाखाने, होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल) शामिल रहेंगे। स्वच्छ शब्दावली में इन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर (थोक अपशिष्ट पैदा करने वाले) कहा जाता है।
इनके बीच ही स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की जाएगी। प्रतिष्ठानों की स्टार रेटिंग के आधार पर राज्य स्तरीय रैकिंग भी होगी। प्रतिष्ठानों की रैंकिंग तीन सौ अंकों की होगी, जो तीन माध्यमों से की जाएगी। पहले माध्यम में- गूगल लिंक दी जाएगी, इसमें प्रतिष्ठान को प्रारंभिक जानकारी अपलोड करनी होगी। इसके आधार पर सौ में से अंक दिए जाएंगे। दूसरे माध्यम में निकाय स्तर पर जनप्रतिनिधियों, महिलाओं, बुद्धिजीवियों और निजी संगठनों की एक समिति प्रतिष्ठानों का दौरा कर उन्हें सौ में से अंक देगी। तीसरे माध्यम में नागरिकों से प्रतिष्ठान की स्वच्छता के संबंध में प्रतिक्रिया ली जाएगी। जिसके आधार पर संस्थान को सौ में से अंक दिए जाएंगे।
तीनों माध्यमों से प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर रैंकिंग जारी की जाएगी। रैंकिंग के निकाय स्तरीय परिणामों के आधार पर समस्त श्रेणियों में जिला स्तरीय रैंकिंग की जाएगी। स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणी में रैकिंग होगी। इसमें स्वच्छ पाठशाला, स्वास्थ्य संस्थाएं, होटल एवं रेस्टोरेंट, कार्यालय, हाकर्स कार्नर और स्वच्छ बाजार आदि श्रेणियां बनाई गई हैं। प्रदेश के सभी 407 नगरीय निकायों में स्थित प्रतिष्ठानों को इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों से सूचना दी जाएगी। इनसे आनलाइन संवाद कर सर्वेक्षण प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा।