भोपाल । मध्यप्रदेश के तीन संभागों में कल से बादल छा सकते हैं और इन क्षेत्रों के जिलों में कहीं-कहीं पर बौछारें पडने का भी अनुमान जताया जा रहा है। जिन तीन संभागों में बौछारें पडने की संभावना है उनमें ग्वालियर, चंबल, रीवा संभाग शामिल है। मौसम विभाग के अनुसार, पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत पर बने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम का मिजाज बदलने लगा है। हवा का रूख बदलने से तापमान में बढोतरी होने से कड़ाके की ठंड से फिलहाल राहत मिल गई है।
सोमवार को उत्तरी हवाएं चलने के कारण दिन में पश्चिमी भोपाल, इंदौर संभागों के जिलों में दिन के तापमान में गिरावट हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दो फरवरी को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने से मध्य प्रदेश में ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छा सकते हैं। इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, पाकिस्तान और आसपास बने वेदर सिस्टम से हवाओं का रूख बदला है। इससे फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिल गई है। दो फरवरी को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है।
इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बनेगा। इसकी वजह से हवाओं के साथ वातावरण में नमी आने से ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छाने के साथ ही कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा के अनुसार, सोमवार को बैतूल एवं खंडवा में शीतलहर का प्रभाव रहा। मध्य प्रदेश में सबसे कम छह डिग्री सेल्सियस तापमान रीवा, बैतूल, मंडला एवं ग्वालियर में दर्ज किया गया। साहा के मुताबिक पिछले दो दिन से हवा का रूख दक्षिणी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ था। जिसके चलते प्रदेश के अधिकतर जिलों में दिन एवं रात के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि सोमवार को पश्चिमी मध्य प्रदेश में हवा का रूख पश्चिमी एवं उत्तर-पश्चिमी होने से भोपाल एवं इंदौर संभागों के जिलों में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।