ढाई महीने बाद भी नहीं सुधारे जा सके पुराने संकेतक
भोपाल । राजधानी के चौक-चौराहों पर अभी पुराने ‘हबीबगंज’ स्टेशन की पहचान अंकित है। इन्हें पुराने संकेतकों को अभी भी नहीं सुधारा जा सका है। ‘हबीबगंज’ स्टेशन का नाम बदले करीब ढाई महीने का समय गुजर चुका है लेकिन कई स्थानों पर पुराने संकेतक ज्यों के त्यों बरकरार है। मालूम हो कि ‘हबीबगंज’ स्टेशन का नाम 14 नवंबर 2021 को बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया था। यह नाम मप्र की गोंड शासिका रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है। रेलवे ने इसी दिनांक से आरक्षण प्रणाली से लेकर हर स्तर पर स्टेशन का नाम बदल दिया है लेकिन शहर के चौक-चौराहों पर लगे ज्यादातर दिशा सूचक बोर्डों पर अभी भी स्टेशन का पुराना नाम हबीबगंज ही लिखा हुआ है। जिसकी वजह से गफलत हो रही है। उधर, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन परिसर स्थित जीआरपी थाना भी हबीबगंज के नाम से चल रहा है। थाने से जुड़े कामकाज को लेकर पहुंचने वाले आम लोगों को भी दिक्कतें हो रही है। शहर के चौक-चौराहों पर लगे ज्यादातर दिशा सूचक बोर्ड पर स्टेशन का पुराना नाम ही दर्ज है। बागसेवनिया क्षेत्र के गुलाबी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास मुख्य सड़क पर लगे यूनिक पोल में दिशा सूचक बोर्ड है। इस पर अभी भी हबीबगंज रेलवे स्टेशन लिखा हुआ है। इसी तरह हबीबगंज नाका से आइएसबीटी की तरफ जाते समय रानी कमलापति स्टेशन के पहले रेलवे के पुराने निर्माण भवन के पास और नर्मदा क्लब के सामने एक दिशा सूचक बोर्ड है। इन दोनों ही बोर्ड पर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जिक्र है। इस बारे में जीआरपी थाना प्रभारी महेंद्र सिंह सोमवंशी का कहना है कि अभी तो हबीबगंज जीआरपी थाने के नाम से ही लिखा-पढ़ी कर रहे हैं। नाम बदलने की प्रक्रिया चल रही है। जब बदल जाएगा, तब पुराने नाम का उपयोग नहीं करेंगे। वहीं पुलिस अधीक्षक, रेल, भोपाल हितेश चौधरी का कहना है कि जीआरपी थाने का नाम बदलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। करीब एक माह का समय हो चुका है। जैसे ही अधिसूचना जारी होगी, उस अनुरूप कार्रवाई करेंगे। उधर भोपाल रेल मंडल डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय का कहना है कि दिशा सूचक बोर्ड पर दर्ज स्टेशन का पुराना नाम हटाकर नया दर्ज कराने के लिए रेलवे प्रयासरत है। एक हफ्ता पहले नगर निगम आयुक्त से बोर्ड पर स्टेशन का नया नाम दर्ज कराने का आग्रह कर चुके हैं। राजधानी के कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि थाने का नाम बदलने की प्रक्रिया उच्च स्तर से होनी है। यह प्रक्रिया जल्द पूरा कराने के प्रयास किए जाएंगे। चौक-चौराहों पर दिशा सूचक बोर्ड से स्टेशन का पुराना नाम हटवाया जाएगा।